राजीव सिन्हा
July 23, 2019
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मानव सभ्यता के आरम्भ से ही चित्र मनुष्य की भावाभिव्यक्ति के साधन रहे हैं। वस्तुतः
भाषा और लिपि के आविष्कार से भी पहले मनुष्य ने आत्माभिव्यक्ति के लिए चित्रकारी
को अपनाया। आदिमकालीन गुफाओं से मिले रेखाचित्र इसके प्रमाण हैं। भीमबेतका और
होशंगाबाद की गुफाओं से मिले चित्रों से स्पष्ट है कि भारत में भी चित्रकला का
विकास प्रागैतिहासिक काल के दौरान ही हुआ।